तेजस्वी बतायें, सरकार में 17 महीनों की अपनी उपलब्धि -विजय कुमार सिन्हा

देश

बिहार में हो रही नियुक्तियों में अनेक विज्ञापन एन डी ए कार्यकाल के,

हत्या, लूट, डकैती, बलात्कार और अपराध में भारी वृद्धि ही राजद की उपलब्धि,

सुशासन के नाम पर राज्य की जनता का दोहन।

पटना,14 जनवरी 2024
बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि बिहार में हो रही नियुक्तियों के अधिकांश विज्ञापन एन डी ए सरकार के कार्यकाल का है। अन्य विकास के कार्य भी उसी दौरान शुरू किये गए।

श्री सिन्हा ने कहा कि तेजस्वी यादव को बताना चाहिए कि सरकार में रहते हुए 17 महीनों में उनकी क्या उपलब्धि रही है। स्वयं के द्वारा धारित स्वास्थ्य, नगर विकास, ग्रामीण कार्य, पथ निर्माण विभागों में भ्रष्टाचार चरम पर है। सरकारी अस्पतालों की स्थिति दयनीय औऱ अराजक है। ग्रामीण कार्य और पथ निर्माण विभागों के कार्यों की गुणवत्ता और संधारण पर कोई नियंत्रण नहीं है। ऐसे में गाल बजाकर अपनी पीठ खुद थपथपाने के अलावे उपलब्धि गिनाने का दूसरा विकल्प नहीं है।

श्री सिन्हा ने कहा कि राजद के मंत्रियों द्वारा धारित शिक्षा, राजस्व, खनन, सहकारिता और कृषि विभागों के कारण राज्य के छात्र, शिक्षक, किसान, मजदूर और व्यापारी वर्ग परेशान है। अनाप- शनाप आदेश के द्वारा शिक्षा विभाग ने भय औऱ आतंक का माहौल क़ायम कर दिया।धान खरीद में सुस्ती, जमीन विवाद में वृद्धि, घटिया क्वालिटी का वीज औऱ संयंत्र सहित अनियमितता का अंबार के कारण किसान त्रस्त है।

श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य में हत्या, लूट, बलात्कार, डकैती औऱ अपराधों में वृद्धि ही राजद की उपलब्धि है। 17 महीनों में 3000 से अधिक हत्या कानून व्यवस्था का आयना दिखा रहा है। अपराधी सत्ता के संरक्षण में खुलेआम घूम रहे हैं।दारू, बालू और जमीन माफियाओं की राज्य में तूती बोल रही है।इन्हें शासन प्रशासन का भय नहीं है।

श्री सिन्हा ने कहा कि सुशासन के नाम पर राज्य की जनता का दोहन किया जा रहा है।विना घूस दिये कोई काम नहीं होता है।थाना, प्रखंड, अनुमंडल, जिला मुख्यालय औऱ राज्य मुख्यालय में काम कराने के लिए दलालों के माध्यम से जनता को जाना पड़ता है।मुद्दई औऱ मुद्दालह, दोनों से पुलिस दोहन करती है।सरकार के सभी कायदे कानून धरे के धरे रह जाते हैं।

श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य की जनता महागठबंधन सरकार से तंग आ चुकी है।इनके खिलाफ राज्य में आंदोलनात्मक माहौल बन गया है। सुधार के सभी रास्ते आजमाए जा चुके हैं। पर अराजकता औऱ भ्रष्टाचार का वातावरण बढ़ता ही जा रहा है।

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