डॉ. सुरेन्द्र सागर,आरा (बिहार)
आधुनिक युग के पहले भारतीय वैज्ञानिक आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रॉय की जयंती एक साथ पुरे देश में रसायन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. दो अगस्त को आचार्य प्रफुल्ल चंद्र रॉय की जयंती पर देश भर में आचार्य रॉय की जीवनी और उनके द्वारा की गई वैज्ञानिक खोजों तथा मानव जीवन पर रसायन शास्त्र की बढ़ती भूमिका पर संगोष्ठियाँ, लेख प्रतियोगिताएँ एवं पहेलियाँ आदि आयोजित की जा रही हैं.
यह जानकारी देते हुए मुंगेर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति और भारतीय रसायनज्ञ परिषद् के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. रणजीत कुमार वर्मा ने कहा कि इसके साथ ही अन्य संगठनों के साथ साझा कार्यक्रम भी किए जा रहे हैं तथा प्रेजेन्टेशन, जानकारियों की रिपोज़िट्री तैयार करने की भी योजना है. सैकड़ों की संख्या में विश्वविद्यालयों, महाविद्यालयों, स्कूलों में एकल एवं साझा कार्यक्रम आयोजित किये जाने की सूचना है. क्विज, रसायन विज्ञान के विषयों एवं आचार्य रॉय की कृति और उनके प्रेरक वैज्ञानिक और राष्ट्रवादी व्यक्तित्व पर व्याख्यान, वीडियो तथा प्रतियोगिताओं के आयोजन चल रहे हैं. विश्वविद्यालय, महाविद्यालय एवं विद्यालय श्रेणियों में शिक्षण संस्थानों को उत्कृष्टता के आधार पर चयनित कर भारतीय रसायनज्ञ परिषद् दिसम्बर में अपने राष्ट्रीय अधिवेशन में सम्मानित करेगा. बीएचयू, पुणे, सागर, मुज़फ़्फ़रपुर , रॉंची, मोतिहारी, रायपुर, भागलपुर,सूरत, वडोदरा, चेन्नई, कोलकाता आदि स्थानों पर बड़े कार्यक्रमों की सूचना है. यह जानकारी भारतीय रसायनज्ञ परिषद् के अध्यक्ष और अन्तर्राष्ट्रीय थर्मल वैज्ञानिक तथा मुंगेर विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति प्रो. रणजीत कुमार वर्मा ने दी. उन्होंने बताया कि वे परिषद् के आगरा मुख्यालय के कार्यक्रम की अध्यक्षता करेंगे तथा शुक्रवार दो अगस्त को आगरा विश्वविद्यालय तथा आगरा कॉलेज के अलग अलग कार्यक्रमों में रसायन शास्त्र के विभिन्न विषयों पर व्याख्यान देंगे.
पूर्व आचार्य प्रफुल्ल चन्द्र रॉय का जन्म इसी दिन 1861 में तत्कालीन बंगाल में हुआ था. उन्होंने इंग्लैंड के एडिनबरा से अध्ययन पूरा कर इंग्लैंड की अपेक्षा कोलकाता आकर रसायन शास्त्र के अध्यापन और इस क्षेत्र में शोध में अपना जीवन खपा दिया. आधुनिक वैज्ञानिक शोध को उन्होंने भारत में स्थापित किया और इसी कारण उन्हें भारत में “फादर ऑफ केमिस्ट्री” कहा जाता है. उन्होंने भारत के पहली दवा निर्माता कम्पनी, “द बंगाल केमिकल्स एंड फर्मास्युटिकल्स” की स्थापना की और भारत में निर्माण-उद्योगों को बढ़ावा दिया. अविवाहित रहते हुए उन्होंने जीवन भर की कमाई रसायन शोध के लिए समर्पित किया. कोलकाता में उनकी अध्यक्षता में और नेताजी सुभाष बोस के संयोजन में महात्मा गाँधी की पहली नागरिक रैली आयोजित की गयी थी. परिषद् के महासचिव और पूर्व कुलपति प्रो राजेश धाकरे ने बताया कि अगले वर्ष अगला अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन विदेश में मनाया जाएगा तथा इस वर्ष सितंबर में आई आई टी, चेन्नई में हो रहे 18 वें चतुर्वाषिक अन्तर्राष्ट्रीय थर्मल कॉंग्रेस में परिषद् सह प्रायोजक है.उन्होंने बताया कि परिषद् का 44 वॉं वार्षिक अधिवेशन पुणे में होगा.