केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानन्द राय ने नई दिल्ली में ‘पूर्वोत्तर में गहन उग्रवाद को दूर करने के लिए आर्थिक विकास अपेक्षित है’ विषय पर असम राइफल्स द्वारा आयोजित एक सेमिनार को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित किया। सेमिनार में असम राइफल्स के महानिदेशक, लेफ्टिनेंट जनरल पी। सी। नायर सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। अपने संबोधन में श्री नित्यानन्द राय ने कहा कि यह सेमिनार देश के शिक्षाविदों के लिए एक साझा मंच प्रदान करने का एक महत्वपूर्ण वार्षिक कार्यक्रम है, जो पूर्वोत्तर क्षेत्र से संबंधित रणनीतिक मुद्दों में योगदान करने वाले समकालीन विषयों पर विचारों के आदान-प्रदान का एक व्यापक मंच है।
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने कहा था कि “देश के पूर्वोत्तर क्षेत्र की उपेक्षा की गई थी क्योंकि देश के समग्र विकास को टुकड़ों में देखा गया था। आधुनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण और कनेक्टिविटी में सुधार करके इस क्षेत्र की विशाल क्षमता को उजागर किया जाएगा। आज देश के विकास को एक भारत, श्रेष्ठ भारत की भावना से देखा जा रहा है। विकास को अब देश की एकता-अखंडता का पर्याय माना जाता है।“ प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस क्षेत्र के आर्थिक विकास को न केवल राष्ट्र के समग्र विकास में योगदानकर्ता बल्कि देश के बाकी हिस्सों के साथ इस क्षेत्र के एकीकरण के रूप में भी देखा है। साथ ही प्रधानमंत्री जी के पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों से आर्म्ड फोर्स स्पेशल पावर एक्ट हटाने का निर्णय भी इस क्षेत्र में जागृत प्रबल विकास की संभावनाओं को उजागर करता है।
नित्यानन्द राय ने कहा कि गृह मंत्री अमित शाह जी के नेतृत्व में विभिन्न उग्रवादी संगठनों के साथ वार्ता, राज्यों के साथ मिलकर बैठकों आदि से पूर्वोत्तर की सुरक्षा स्थिति में व्यापक सुधार आया है और युवा वर्ग तेजी से विकास की मुख्यधारा से जुड़ रहे हैंI गृह मंत्री श्री अमित शाह ने अपने एक उद्बोधन में कहा था कि मोदी सरकार पूर्वोत्तर क्षेत्र के चौमुखी विकास के लिए प्रतिबद्ध हैI भारत सरकार एक्ट ईस्ट नीति के अंतर्गत पूर्वोत्तर को दक्षिण पूर्व एशिया से जोड़ने वाला एक आर्थिक केंद्र बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैI केंद्र सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में विभिन्न इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं के विकास के लिए वर्ष 2014 से मार्च 2021 तक 2,65,513 करोड़ रुपये की धनराशि खर्च की है जिसका परिणाम हम सबके सामने विकास के रूप में दिखाई दे रहा हैI
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि उत्तर पूर्व समुदायों का अध्ययन इस क्षेत्र में रहने वाली विविध जनजातियों के समृद्ध इतिहास, जीवंत परंपराओं और सांस्कृतिक मूल्यों की एक झलक प्रस्तुत करता है। पूर्वोत्तर में लगभग 145 आदिवासी समुदाय मौजूद हैं जो भारत की कुल जनजातीय आबादी का 12 प्रतिशत और पूर्वोत्तर की कुल आबादी का 26 प्रतिशत है। यह विविध जातीय संस्कृतियों, अलग-अलग भाषाओं, विविध परंपराओं और अद्वितीय आदिवासी पहचान क्षेत्र सम्मुख करने वाला एक विशाल मंच है।
नित्यानन्द राय ने कहा कि दशकों से, विद्रोहिता की विचारधारा में सामाजिक मुद्दों से राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं, निर्विवाद सत्ता की भूख और मौद्रिक लाभ के अनुसार बदलाव आता गया। क्षेत्र के भोले-भाले युवक छद्म राष्ट्रवाद और हथियार के दुष्चक्र में फंसते गए। नशीली दवाओं के खतरे के साथ आर्थिक अभाव और नौकरी के अवसरों की कमी ने इस पीढ़ी को उग्रवाद के दलदल में और खींच लिया। उन्हें हिंसा और गलत विचारधाराओं से दूर करने के लिए, व्यवस्था में सामाजिक और आर्थिक प्रोत्साहन के निर्माण की प्रथा एक अनिवार्य शर्त है। यह तभी हो सकता है जब क्षेत्र का राजनैतिक माहौल और सुरक्षा की स्थिति, बेरोजगार युवाओं के लिए पर्याप्त रोजगार सृजित करने के उद्देश्य से एक सुविचारित और व्यापक आर्थिक एवं बुनियादी ढांचा विकास योजना के कार्यान्वयन के लिए अनुकूल हो। गृह राज्य मंत्री ने कहा कि आज पूर्वोत्तर क्षेत्र में परिवहन, राजमार्ग, संचार, बिजली और जलमार्ग के विकास के लिए एक मजबूत राजनीतिक संकल्प और प्रतिबद्धता है।
नित्यानन्द राय ने कहा कि 1835 में अपनी स्थापना के बाद से असम राइफल्स विकास में सहायक रहा है और पूर्वोत्तर में सामान्य स्थिति बहाल करने में उसका बहुत बड़ा योगदान है। यह बल भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर अति उत्तम कार्य कर रहा है और उसने बहुत ही संवेदनशील परिस्थतियों को बड़ी आसानी से सुलझाने का सराहनीय काम किया है। सरकार ने असम राइफल्स को एन।डी।पी।एस।एक्ट (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साईकोट्रोपिक सब्सटांस एक्ट) की अधिनियम की शक्तियां प्रदान की हैं, यह एक सुविचारित निर्णय था, नतीजन असम राइफल्स ने पिछले एक वर्ष में लगभग 1500 करोड़ रूपए के मादक पदार्थ एवं ड्रग्स जब्त किए हैं।
गृह राज्य मंत्री ने कहा कि असम राइफल्स ने सरकार के वृक्षारोपण अभियान के तहत अब तक लगभग 31 लाख पेड़ लगाए हैं जो कि गृह मंत्रालय के अधीन सभी बलों में सबसे अधिक है। देश को विश्व में महाशक्ति बनाने की हमारी आकांक्षाओं को विश्व शांति और स्थिरता में योगदान से बल मिलता है। उन्होने कहा कि हम बहुत लंबे समय से संयुक्त राष्ट्र शांति स्थापना में योगदान दे रहे हैं लेकिन असम राइफल्स की राइफलवुमन टीम के इसमें जुड़ने से राष्ट्रों के समुदाय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता में एक और सामाजिक व मानवीय आयाम जुड़ गया है।