“हर दिन तेरा था हर रात तेरी थी,
इस घर की हर जज़्बात तेरी थी।।।।
तू थी तो ये घर चहकता था मेरा,
तेरे जाने से आज भी पड़ा हैं ये सुना सा।
कोई आये कोई भी जाये लेकिन तेरी कमी को
ऐ बेटी कोई भी न भर पता है, तेरे बिना तो
अब कोई भी अच्छा न लगता हैं,
भरोसा ऐसा गया कि अब कोई न सच्चा लगता हैं।
तुझमे मैने खुद को पाया था,
तुझसे है तुझसे ही मैने खुद को अपनाया था।
तू ऐसे जाएगी कभी सोचा न था,
कितना कुछ कहना था तुझसे कितना कुछ सुनना भी था।
अपने पापा की मुस्कान थी तू अपनी माँ की जान थी तू,
जाने कहा खो गयी तू हमे यूँ ही तन्हा छोड़ गई तू ।।।।
नाम: नीतू सिसौदिया,पता: सेक्टर- 4 /A,
बोकारो स्टील सिटी
फोन न: 9004454060