– मुरली मनोहर श्रीवास्तव
आजादी और बापू का बिहार की धरती से गहरा नाता रहा है। बिहार की पावन धरती से ही बापू ने नमक सत्याग्रह की शुरुआत की थी। बापू की कई यादें बिहार से जुड़ी हुई हैं। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी स्मृतियों को निरंतर स्थापित कर रहे हैं। पटना के गांधी मैदान में महात्मा गांधी की सबसे ऊंची कांस्य की प्रतिमा स्थापित की गई है। वहीं बापू के नाम पर विशाल बापू सभागार का भी निर्माण कराया गया है, जिसे बापू सभागार कहा जाता है। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को समर्पित देश का पहला सबसे बड़ा ‘बापू टावर’ बिहार के पटना में बनकर तैयार हो गया है। पटना के गर्दनीबाग स्थित गांधी के उच्च विचारों का संचार करती हुई 102 फीट ऊंची एवं 6 मंजिला बापू टावर का निर्माण कराया गया है। यहां आने वाली पीढ़ी को बापू की जीवनी,उनके विचारों और उनके आदर्शों को जानने का मौका मिलेगा। बापू टावर में बापू के जीवन से जुड़ी ऐतिहासिक घटनायें, गांधी जी के विचार, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका, बिहार से उनके लगाव तथा बापू के आदर्शों को बेहतर ढंग से रेखांकित कर प्रदर्शित किया गया है ताकि आमजन यहां आकर उसे देख और समझ सकें। आने वाले आगंतुक ओरियेंटेशन हॉल में बैठकर बापू की जीवनी,उनके आदर्शों एवं कार्यों तथा बिहार की गौरव गाथा को देख सकेंगे। साथ ही यहां बने प्रेक्षागृह, प्रतीक्षा कक्ष, लाउंज, बापू के आदर्शों को आमजन में स्थापित करने हेतु कार्यों के प्रदर्शन के लिये दीर्घा, अनुसंधान केन्द्र, आगंतुक सुविधायें उपलब्ध करायी गई है। भूतल पर टर्नटेबल थियेटर शो के जरिये पर्यटकों को बापू की जीवनी दिखाई जाएगी। इसके बाद पर्यटक गोलाकार और आयताकार भवन में घूमते हुए बापू के इतिहास को देख सकेंगे। इस टावर में गांधी जी और बिहार के इतिहास से जुड़ी प्रदर्शनी लगाई गई है। बापू टावर की प्रदर्शनी गैलरी में लगने वाली मूर्तियां और कलाकृतियों का निर्माण अहमदाबाद की फैक्ट्री में किया गया है। प्रदर्शनीय वस्तु लगाने के लिए सिविल वर्क किया गया है। टावर के गोलाकार भवन में लगी तांबे की परत चमक बिखेर रही है। रात में सामने से लाइट जलते ही, इसकी खूबसूरती बढ़ जाती है। बापू टावर का निर्माण पर्यावरण प्रबंधन तथा सतत् विकास के उच्च मानकों तथा वैज्ञानिक तकनीकों को ध्यान में रखते हुए किया गया है, जिसमें ग्रीन टेक्नोलॉजी का प्रयोग मुख्य रूप से शामिल है। पर्यटकों के लिए इस भवन में महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएं, गांधी के विचार,स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका,बिहार से लगाव,बापू के आदर्शों को आमजन में स्थापित करने के लिए बिहार सरकार द्वारा किये गये कार्यों आदि की उत्कृष्ट प्रदर्शनी भी शामिल है। जिस जगह पर इस टावर को बनाया गया है उस भूखंड का कुल क्षेत्रफल सात एकड़ है और कुल निर्मित क्षेत्र 10503 वर्ग मीटर है। टावर में विभिन्न गैलरी, अनुसंधान केंद्र, विशिष्ट अतिथियों के लिए लाउंज, प्रशासनिक कार्यालय, प्रतिक्षालय, म्यूजियम शॉप एवं जलपान गृह आदि अवस्थित है। यह बच्चों, छात्रों, शोधकर्ताओं और गांधीजी के सिद्धांतों में रुचि रखने वालों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। बापू टावर के गोलाकार भवन में टर्न टेबल थियेटर शो की भी व्यवस्था की गई है।102 फीट ऊंचे शंकुकार भवन में लगातार क्रम में निर्मित 5 रैम्प हैं, जिस पर गांधी जी के जीवन से संबंधित सभी जानकारियां, म्यूरल, कटआउट, स्क्रीन प्रोजेक्टर आदि के माध्यम से प्रदर्शित की गयी है।
10 अप्रैल 2017 से 20 अप्रैल 2018 तक चम्पारण सत्याग्रह शताब्दी समारोह का आयोजन किया गया था। 10 एवं 11 अप्रैल 2017 को राष्ट्रीय विमर्श कार्यक्रम के आयोजन के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा महात्मा गांधी के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से पटना के गर्दनीबाग में सात एकड़ में संग्रहालय के स्वरूप में ‘बापू टावर’ का निर्माण कराया गया है। बापू की 150 वीं जयंती के अवसर पर 2 अक्टूबर 2018 को इस भवन की शुरुआत की गई थी, जिसका 02 अक्टूबर 2024 को मुख्यमंत्री द्वारा इसका शुभारंभ किया जाएगा, उसके बाद पर्यटक बापू टावर का अवलोकन कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री का बापू टावर एक ड्रीम प्रोजेक्ट है, जो अपने आप में अद्भूत और अद्धितीय है। आपको बता दें कि बापू टावर के इस परिसर में ग्रीन एरिया को भी विकसित किया गया है, जिससे टावर का एरिया काफी आकर्षित दिख रहा है। टावर में बापू के चंपारण सत्याग्रह से जुड़ी सभी स्मृतियों के दर्शन लोगों को होंगे। साथ ही यहां उनसे जुड़े पूरे इतिहास की भी जानकारी है। इस टावर के बनने से पटना आने वाले पर्यटकों को गांधी के चंपारण सत्याग्रह से लेकर बापू के जीवन से जुड़ी सभी चरित्रों का व्यापक रूप देखने को मिलेगा। बापू टावर के नीचे वाले हिस्से में जो बड़ी लॉबी तैयार हुई है, वहां लोगों के लिए बापू और चंपारण सत्याग्रह से संबंधित ऑडियो-वीडियो भी उपलब्ध है जिससे जानकारी प्राप्त की जा सकेगी। बापू टावर में पर्यटकों को परिसर के अंदर 50 चार पहिया और 150 दो पहिया वाहन पार्किंग की सुविधा उपलब्ध करायी गई है। कुछ साल पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि गांधी जी के विचारों को अपनाकर हम जीवन को और भी सुखद बना सकते हैं। आपको बता दें कि इस टावर के शीर्ष ऊंचाई पर गांधी के विचारों और जीवन संस्मरणों को अंकित किया गया है।