सैकड़ों बेटियों के अभिभावक रंजीत आज पत्रकारिता में भी लहरा रहे हैं परचम

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पटनाः युवा देश का भविष्य हैं और इन्होंने समाज को नई दिशा हमेशा से देने का फैसला लिया है। इनमें से कुछ ने अपनी खानदानी विरासत को आगे बढ़ाने का काम किया तो कुछ युवाओं ने अलग करने के नजरिए के साथ खुद के बूते खुद को खड़ा कर समाज में खुद को स्थापित कर लिया है। युवा जोश के साथ ये लोग देश को अधिक ऊर्जा प्रदान करने का काम करते हैं। जबकि कुछ ऐसे भी हैं जो अपेक्षाकृत पीछे छूट जाते हैं। हम बात कर रहे हैं सोनपुर के एक रेलवे कर्मचारी के पुत्र रंजीत कुमार की, अपने घर के इकलौते चिराग लगातार खुद को किसी नए खोज में रमाए रखते हैं। ईमानदार मेहनत इनकी अपनी संपत्ति है और समाज में आज एक स्थापित पत्रकार बनकर समाज में उभरे हैं।
स्कूल में तालिम लेने के बाद कंप्यूटर की पढ़ाई कर अपने करियर को उड़ान देने के लिए रंजीत कुमार ने पटना की ओर रुख किया। यहां आने के बाद रंजीत कुमार ने पढ़ाई करते-करते कंप्यूटर के शिक्षक बन गए। युवाओं को कंप्यूटर की शिक्षा देने के क्रम में इन्होंने छात्रों पर अपनी छाप छोड़ दी। यह सफर चलता रहा इसी बीच जिस कंप्यूटर इंस्टीच्यूट में प्रशिक्षक थे वहीं के सुप्रीमो ने एकदिन हंसी उड़ा दिया कि आप जिस समाज से आते हैं वो टीचर कैसे हो सकता है। इस बात ने रंजीत कुमार को झकझोर कर रख दिया और वहीं कंप्यूटर को टेबल पर धक्का देकर इस प्रोफेशन को अलविदा कर दिया। यहां से ठान लिया कि अब इनके साथ काम नहीं करुंगा बल्कि नया कुछ कर दिखाउंगा। फिर क्या एक युवा ने मन में ठान लिया कि गर्ल्स हॉस्टल खोलूंगा, इसकी स्थापना कर तीन ब्रांच तक खोल दिया और अपने को पटना की हॉस्टल सोसाइटी में लोहा मनवा दिया। इनके हॉस्टल से कई बड़ी-बड़ी नौकरियों में लड़कियों ने परचम लहराया। एक युवा कब सैकड़ों बेटियों का अभिभावक बन गए यह पता ही नहीं चला।
यह सफर यहीं आकर नहीं थमा बल्कि आगे चलकर इनकी मुलाकात लेखक पत्रकार मुरली मनोहर श्रीवास्तव से हो गई। श्री मुरली को अपना बड़ा भाई बनाकर ऐसे जुड़े की समाज में इन दोनों लोगों को बड़े और छोटे भाई के तौर पर जानते हैं। मुरली के साथ मिलकर पत्रकारिता में रंजीत कुमार ने कदम रखा और आज की तारीख में रंजीत पत्रकार बनकर अपनी पहचान कायम कर ली है। कब सुबह होती है, कब शाम होती है, कब कहां जाना है एक पत्रकार की भूमिका क्या होती है इन सारे कामों को करते हुए लगातार दूरी तय कर रहे हैं। इसके आगे इनकी अगली छलांग राजनीति के रुप में नजर आने लगी है।

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