
डॉ. सुरेन्द्र सागर,आरा
आदि चित्रगुप्त फाइनेंस लिमिटेड के निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी ज्ञान मोहन को माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस नेटवर्क के गवर्निंग बोर्ड में सदस्य निदेशक के रूप में निर्वाचित किया गया है. वह देशभर के छोटे एनबीएफसी-एमएफआई का प्रतिनिधित्व करेंगे.
एमएफआईएन भारत में माइक्रोफाइनेंस संस्थाओं की स्वनियामक संस्था है और यह पूरे क्षेत्र की नीतियों, अनुशासन और दिशा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है. श्री मोहन एक अनुभवी करियर बैंकर हैं, जिन्हें 40 से अधिक वर्षों का गहरा अनुभव है.उन्होंने भारतीय स्टेट बैंक , आईडीबीआई कैपिटल, पावर एक्सचेंज, एफएसआईएल सहित कई प्रतिष्ठित संस्थानों में शीर्ष पदों पर कार्य किया है. अपने कार्यकाल के दौरान वह एसबीआई में एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम के प्रभारी अधिकारी भी रहे हैं, जहां उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका और वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया. यह उनका दूसरा कार्यकाल है. इससे पहले, एमएफआईएन बोर्ड में अपने पहले कार्यकाल के दौरान वे छोटे और मझोले एमएफआई पर गठित टास्क फोर्स के अध्यक्ष रहे और क्रेडिट ब्यूरो एवं राज्य स्तरीय पहलों से जुड़ी टास्क फोर्स के सदस्य भी रहे. इस भूमिका में उन्होंने नीतिगत सुधारों और क्षेत्रीय आवश्यकताओं को राष्ट्रीय मंच तक पहुंचाने में अहम योगदान दिया. उनकी इस पुनः नियुक्ति को माइक्रोफाइनेंस क्षेत्र में उनके निरंतर योगदान और नेतृत्व क्षमता की स्वीकृति के रूप में देखा जा रहा है.
श्री मोहन के नेतृत्व में आदि चित्रगुप्त फाइनेंस लिमिटेड ने अगस्त 2017 से अब तक बिहार की 3 लाख से अधिक महिलाओं को वित्तीय सहायता प्रदान की है, जो राज्य के ब्लॉक, पंचायत और गांव स्तर पर स्वरोजगार व उद्यमिता को बढ़ावा दे रही हैं. इनमें कई महिलाएं ऐसी भी हैं जिन्हें एसीएफएल से पहला माइक्रो लोन प्राप्त हुआ था और उन्होंने अपनी मेहनत, प्रतिबद्धता और कौशल से न केवल अपने व्यवसाय को स्थापित किया बल्कि अब अपने गांव की अन्य महिलाओं को भी रोजगार उपलब्ध करवा रही हैं. श्री मोहन की नियुक्ति से उम्मीद है कि छोटे एनबीएफसी-एमएफआई की आवाज को राष्ट्रीय स्तर की नीति-निर्माण प्रक्रिया में और अधिक मजबूती मिलेगी. उनकी इस नियुक्ति के बाद बिहार जैसे राज्यों की ज़मीनी वास्तविकताओं को भी प्रभावशाली ढंग से सामने रखा जा सकेगा.