ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन संत कबीर जयंती के अवसर पर जनता दल यूनाइटेड के पूर्व विधान पार्षद व पटना विवि के शिक्षक प्रो. रणबीर नंदन ने कहा कि आज के दौर में उनकी प्रासंगिकता और बढ़ गई है। संत कबीर पूरे समाज में सिर्फ प्रेम और भाईचारे की प्रतिमूर्ति हैं।
उन्होंने कहा कि कबीर अमृतवाणी ही जीवन का संपूर्ण सार है। संत कबीर की अमृतवाणी से कई लोगों को जीवन जीने की सीख मिली है। उनकी बातें जीवन में सकारात्मकता लाती हैं। संत कबीर के दोहों का अनुकरण जीवन में सकारात्मक आ जाती है।
गुरु और गोविंद के बीच चुनने जैसी अतिविशम परिस्थिति आने पर भी कबीर जी विचलित न होने की बात कहते हैं। वे कहते हैं कि जीवन में कभी ऐसी परिस्थिति आ जाए जब गुरु और गोविन्द (ईश्वर) एक साथ खड़े मिलें, तब पहले किन्हें प्रणाम करना चाहिए। गुरु ने ही गोविन्द से हमारा परिचय कराया है। इसलिए गुरु का स्थान गोविन्द से भी ऊँचा है। संत कबीर की अवधारणा स्पष्ट और विकासशील रही है।