राष्ट्रपति चुनाव में बीजेपी को अपनी सहयोगी पार्टी जेडीयू का साथ भले मिल गया हो, लेकिन दोनों दलों के नेताओं के बयानों से साफ है कि दोनों दलों के रिश्ते में तल्खी जारी है। शुक्रवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल और जेडीयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा सोशल मीडिया पर ही भिड़ गए।
वैसे, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष जायसवाल अग्निपथ योजना के विरोध में बिहार में हुए हिंसात्मक प्रदर्शन के बाद से ही नीतीश कुमार सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इसी कड़ी में जायसवाल ने इशारों ही इशारों में पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा पर कटाक्ष किया, जिससे पूर्व मंत्री कुशवाहा भी तिलमिला उठे।
अपने फेसबुक पेज के वॉल पर जायसवाल ने शुक्रवार को इशारों ही इशारों में कुशवाहा पर कटाक्ष करते हुए लिखा कि बिहार में केंद्रीय विद्यालय के लिए जमीन मुहैया कराने को लेकर नेताजी आंदोलन कर रहे थे। शिक्षा में सुधार हो, इसके लिए धरना और प्रदर्शन कराया और अंतत: नेताजी खुद सफल हो गए। जायसवाल ने अपने इस पोस्ट में कुशवाहा के नाम का कहीं भी जिक्र नहीं किया। लेकिन कुशवाहा भड़क गए।
कुशवाहा ने फेसबुक पर ही उनके पोस्ट को शेयर करते हुए पलटवार करते हुए लिखा कि मेरे उस आंदोलन में आपको क्या गलत दिखा ? जहां तक मेरी भूमिका का सवाल है, सत्ताधारी दल के सदस्य की मयार्दा और विपक्ष के सदस्य के रूप में किसी व्यक्ति का क्या दायित्व होता है इसका ज्ञान तो संभवत: आपको होगा ही। अगर नहीं है तो आपको बहुत ट्रेनिंग की जरूरत है।
उपेंद्र कुशवाहा ने आगे लिखा कि, रही बात मेरे सफल होने की, तो आपकी तरह मुझको राजनीति में अनुकंपा में कुछ नहीं मिला है। अगर ज्ञान न हो, तो मेरे राजनीतिक सफर के पन्नों को ही पलट कर देखवा लीजिए श्रीमान जी। मेरी जिस सफलता की बात आप कर रहें हैं न, उससे बड़ी-बड़ी कुर्सियों को त्यागकर यहां तक पहुंचे हैं।
हालांकि गुरुवार को ही जेडीयू के वरिष्ठ नेता और राज्य के उर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने एनडीए में सबकुछ ठीक होने का दावा किया था।