हिजाब के विरोधी प्रदर्शन से ईरान सरकार व्याकुल

आलेख

  • मनोज कुमार श्रीवास्तव

                                                हिजाब मामले में ईरान में उठा विवाद रुकने का नाम नहीं ले रहा है।22 वर्षीय महिला महसा अमीनी की हिरासत में हुई मौत के बाद ईरान के लोग भड़क उठे हैं। हिजाब से आजादी के लिए ईरान की सडकों पर बेटियों का पहरा है।स्कूल-कालेज की लड़कियां सड़कों पर हिजाब का दोहन कर रही हैं।यह लड़ाई केवल ईरान तक हीं सीमित नहीं रह गई है बल्कि तुर्की बर्लिन समेत अन्य देशों में भी प्रदर्शन हुए और हो रहे हैं।अभी भी हिजाब प्रदर्शन ईरान में लगातार जारी है।इस प्रदर्शन से ईरान की सरकार डरी हुई है।

                                                डर के कारण ईरान की सरकार पूरे देश की इंटरनेट को बंद कर दिया है या स्पीड स्लो कर दिया है।इस बीच ईरान की सरकार तेहरान सहित देश की 20 प्रमुख विश्वविद्यालय को बंद कर ऑनलाइन क्लास चलाने का फरमान जारी किया है।जिससे विद्यार्थियों को बिना इंटरनेट क्लास करने में दिक्कतें आ रही है।दो साल बाद ईरान में अकादमिक साल शुरू हुआ है।संसार के अलग-अलग देशों में हिजाब करने के अलग-अलग तरीके हैं।यह किसी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता हो सकती है लेकिन धार्मिक आवश्यकता नहीं है।

                                                ईरान की सरकार अबतक 5000 से अधिक हिजाब विरोध प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया है।हिजाब विरोधी प्रदर्शनों में अब तक 50 लोगों की मौत एवं 900 के करीब घायल हुए हैं।ईरान के 30 से अधिक शहरों में हिजाब विरोधी प्रदर्शन फैल चुका है।ईरान के राष्ट्रपति इब्राहीम रहीसी ने पुलिस को सख्ती के आदेश दिया है।टेस्ला के सीईओ एलन मस्क ने अपनी सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस ‘स्टारलिंक ‘ को ईरान के लिए खोलने का ऐलान किया है।इस्लाम धर्म अश्लीलता के खिलाफ है।कुरान शरीफ मुस्लिम महिलाओं और पुरुषों को शालीनता से कपड़े पहनने का निर्देश देता है।

                                                मस्क का यह ऐलान ईरान में विरोध कर रही महिलाओं के लिए लाभदायक साबित होगा। अमेरिका की बाइडेन सरकार ने मस्क को ईरान के लिए सैटेलाइट सर्विस खोलने की मंजूरी दे दी है।जबरन हिजाब थोपने के कानून के खिलाफ अवाम का आक्रोश है।यह अच्छी बात है कि इस मुहिम को ईरान की नई पीढ़ी के नौजवानों का साथ मिल रहा है।एक बात याद रखना चाहिए कि यदि आप अशालीन कपड़े पहनकर घूमेंगे तो दूसरे से यह अपेक्षा नहीं रख सकती कि वे आपको देखेंगे नहीं।ईरान में बीच सड़क पर महिलाएं हिजाब को आग के हवाले कर रही हैं।हिजाब के नाम पर महिलाओं का उत्पीड़न नहीं किया जा सकता, यह गैर-इस्लामी माना जायेगा।

                                                माशा अमीनी की अंतिम संस्कार का एक वायरल वीडियो सामने आया है जिसमे अंतिम संस्कार को आये मुल्ला को माशा के पिता फटकार लगा रहे हैं।उन्होंने मुल्ला को अंतिम संस्कार की क्रियाएं नहीं करने दी।पिता ने कहा-बेशर्म, तुमने मेरी बेटी को बालों की दो लटें हिजाब में नहीं ढकने के कारण मार डाला।तुम्हारे इस्लाम को तो मेरी बेटी ने त्याग दिया था अब तुम लोग अपना इस्लाम लेकर यहां से चले जाओ।

                                                एक तरफ हिजाब के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है तो दूसरी ओर सरकार समर्थित कुछ महिला संगठनों ने हिजाब के समर्थन में भी प्रदर्शन शुरू कर दिया है।हिजाब समर्थकों में शामिल महिलाओं की उम्र 40 साल से अधिक है।उन्हें मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों का भी समर्थन मिल रहा है। ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ने कहा है कि पुलिस हिरासत में महिला की मौत के मामले की जांच में तेजी लाई जानी चाहिए।

                                                एक एनजीओ ने 36 लोगों के मारे जाने की बात कही है।देश के लगभग 15 शहरों में प्रदर्शन हो रहे हैं।इंटरनेट, फेसबुक, व्हाट्सएप और टेलीग्राम सब बन्द कर दिया गया है।संयुक्त राष्ट्र समेत पश्चिमी देशों ने भी अमीनी की मौत की निंदा की है।ईरान के उत्तर पश्चिमी शहर नेशाबुर में प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की कर को पलट दिया है।वहीं तेहरान और मशहद के वीडियो फुटेज में महिलाओं ने अनिवार्य हिजाब को हवा के झंडे की तरह लहराया,आजादी के नारे लगाये।

                                                ईरानी सुरक्षा बलों ने प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ताओं में से एक और पत्रकार माजिद तवाकोली को गिरफ्तार कर लिया है जो महसा अमीनी के मामले को उजागर करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।सीएनएफ की चीफ इंटरनेशनल एंकर क्रिस्टियन एमनपोर के साथ ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का साक्षात्कार होना था लेकिन पत्रकार के हिजाब पहनने से इनकार करने पर रदद् कर दिया गया।ईरान के सबसे बड़े  नेता  अयातुल्लाह अली खामेनेई के करीब सहयोगी ने अमीनी के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की है।इसके साथ हीं मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है।अयातुल्लाह रूहोल्लाह खोमैनी ने 1979 की क्रांति के बाद इस्लामिक गणराज्य की स्थापना की थी।खोमैनी के शता में आने के बाद देश के कई कानून बदल गये।

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