पटनाः बिहार में कार्यरत 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी आरएस भट्टी (राजविंदर सिंह भट्टी) अब केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर गए अब बिहार के नए डीजीपी बनाए गए हैं। बिहार कैडर के आईपीएस अधिकारी हैं राजविंदर सिंह। आरएस भट्टी मूल रूप से पंजाब के रहने वाले हैं। लेकिन उनका कैडर बिहार होने की वजह से उन्होंने बिहार में कार्य के दौरान कई बड़े बाहुबलियों को धूल चटायी और कानून -व्यवस्था को मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयास किया था।
आईपीएस अधिकारी आरएस भट्टी को बिहार में बहुत ही कड़क अधिकारी के तौर पर जाना जाता है। जो कानून -व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए और बड़े -बड़े रंगबाज, अपराधियों, बाहुबली नेताओं के खिलाफ कार्रवाई करने के वक्त थोड़ा सी भी हिचकिचाहट नहीं दिखाते हैं। उन्होंने शहाबुद्दीन, प्रभुनाथ सिंह, दिलीप कुमार सिंह जैसे बाहुबलियों की गिरफ्तारी में प्रमुख योगदान दिया था। शायद इसी का तकाजा है कि साल 2005 में हुए विधानसभा चुनाव के वक्त विशेष तौर पर उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से वापस बिहार वापस लाया गया था। उसके बाद इन्हें सीवान में डीआईजी के रूप में पदभार सौंपा गया था।
बिहार के बाहुबली नेता रहे शहाबुद्दीन को गिरफ्तार करने किए जो विशेष गुप्त योजना बनी थी, वो आरएस भट्टी ने ही अंजाम दी थी। आईपीएस अधिकारी आरएस भट्टी उस वक्त तत्कालीन एसएसपी सह डीआईजी पद पर कार्यरत थे। आईपीएस भट्टी ने ही बिजली चोरी के मामले में पांच सदस्यों की टीम बनाकर शहाबुद्दीन के दिल्ली निवास से उसकी गिरफ्तारी के लिए एक महिला सब इंस्पेक्टर गौरी कुमारी को आगे करके उसकी गिरफ्तारी और उसके बाद उसे सुरक्षित तरीके से दिल्ली से पटना ट्रेन या सड़क मार्ग के माध्यम से नहीं बल्कि शहाबुद्दीन को स्पेशल हेलीकॉप्टर से लेकर जाने की गुप्त योजना बनाई थी। कहा जाता है कि उस वक्त उसी राजनीतिक दबाव की वजह से आईपीएस भट्टी का दिल्ली तबादला करवा दिया गया था, लेकिन उस वक्त मात्र ढाई महीने के कार्यकाल में वो कभी भी बाहुबली नेता या राजनीतिक दबाव के आगे झुके नहीं।
वो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के तहत दो बार सीबीआई में अपनी सेवा दे चुके हैं। इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण बड़े मामलों को सुलझाने में अपना योगदान दिया था। आईपीएस भट्टी सीबीआई में दूसरे कार्यकाल के दौरान सीबीआई निदेशक रहे रंजीत सिन्हा, अनिल सिन्हा और फिर आलोक कुमार वर्मा के वक्त कार्यरत थे उसके बाद उनका तबादला एयरपोर्ट ऑथॉरिटी ऑफ इंडिया में चीफ विजिलेंस ऑफिसर के तौर पर हो गया था। उसके बाद केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के रूप में आईपीएस भट्टी 21 अक्टूबर 2019 तक रहे उसके बाद वापस बिहार आ गए थे, लेकिन अब माना जा रहा है साल 2025 तक जब आईपीएस भट्टी सेवानिवृत होंगे तब तक के लिए उन्हें बिहार डीजीपी की बागडोर सौंपी गई है।