दिल्लीः भारत ने स्वास्थ्य ढांचे की सुदृढ़ीकरण में एक उल्लेखनीय महत्वपूर्ण उपलब्धि प्राप्त की है। देश में 31 दिसंबर, 2022 से पहले 1,50,000 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) संचालित हो गए हैं। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने निर्धारित समय सीमा से पहले ही इस उपलब्धि को पूरा करने के लिए राष्ट्र के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि पूरे देश में ये केंद्र नागरिकों को प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधाओं तक सुगमता से पहुंचने और उनका लाभ उठाने में सहायता करेंगे।
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने इस उपलब्धि पर देश को बधाई दी। उन्होंने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत ने अपने निर्धारित लक्ष्य को सफलतापूर्वक प्राप्त कर लिया है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की सोच को साकार करने के लिए राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्र सरकार की एकजुट व सहयोगात्मक प्रयासों ने भारत को विश्वसनीय व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के लिए एक वैश्विक मॉडल में रूपांतरित कर दिया है।
“अंत्योदय” के सिद्धांत – किसी को पीछे नहीं छोड़ने को पूरा करने के लिए 1,50,000 आयुष्मान भारत स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाओं के वितरण को रूपांतरित कर रहे हैं। यह सभी के लिए नि:शुल्क है और निरंतर देखभाल की सोच के माध्यम से जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी आयु समूहों को सेवा प्रदान करता है। एबी-एचडब्ल्यूसी ने विभिन्न पहलों के माध्यम से देश के अंदरूनी क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित करते हुए ई-संजीवनी के जरिए 8.5 करोड़ से अधिक टेली-परामर्श किए हैं। ई-संजीवनी के माध्यम से हर दिन लगभग 4 लाख टेली-परामर्श किए जाते हैं।
गैर-संक्रमणकारी रोगों के लिए कुल 86.90 करोड़ से अधिक लाभार्थियों की जांच की गई है। इनमें उच्च रक्तचाप के लिए 29.95 करोड़, मधुमेह के लिए 25.56 करोड़, मुंह के कैंसर के लिए 17.44 करोड़, स्तन कैंसर के लिए 8.27 करोड़ और सर्वाइकल कैंसर के लिए 5.66 करोड़ परीक्षण शामिल हैं।
एबी-एचडब्ल्यूसी के विस्तार की बात करें तो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों- स्वास्थ्य कल्याण केंद्रों (पीएचसी-एचडब्ल्यूसी) में आवश्यक दवाओं की संख्या बढ़कर 172 और उप स्वास्थ्य केंद्रों- स्वास्थ्य कल्याण केंद्रों (एसएचसी-एचडब्ल्यूसी) में यह 105 हो गई है। वहीं, जरूरी नैदानिकी (डायग्नोस्टिक) की संख्या को भी पीएचसी-एचडब्ल्यूसी में 63 और एसएचसी- एचडब्ल्यूसी में 14 तक बढ़ा दिया गया है। इसके अलावा एबी-एचडब्ल्यूसी में योग, जुम्बा, साइक्लोथॉन, वॉकथॉन पर वेलनेस सत्र भी आयोजित किया जाता है। वहीं, ये केंद्र सामुदायिक कल्याण की सोच को अपनाने के लिए अन्य पहलुओं के साथ-साथ आहार, शारीरिक गतिविधि, सकारात्मक पालन-पोषण, तंबाकू, शराबबंदी पर दिशानिर्देश प्रदान करते हैं। अब तक इन केंद्रों पर 1.60 करोड़ से अधिक वेलनेस सत्र आयोजित किए जा चुके हैं।