बिहार: सदन में हर सवालों का जवाब दिया नीतीश ने, कहा सबका हक बराबर, रख रहे सब अपनी बातें

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पटना : राज्यपाल के अभिभाषण पर हुयी विधानसभा और विधान परिषद में चर्चा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने चर्चा का जवाब देते हुये कहा- समाधान यात्रा के दौरान लोगों की समस्याओं को नोट किया गया है। हमने अधिकारियों को इन समस्याओं को लेकर जरूरी कार्रवाई करने को कहा है। कहीं अगर काम नहीं हुआ है तो उस काम को भी करने का निर्देश दिया गया है। अभी सात निश्चय-2 के तहत काम चल रहा है। इसके अलावा भी कोई चीज अलग से करने की जरूरत होगी तो किया जायेगा। राजनीतिक बातों पर मुझे कुछ नहीं कहना है। मेरा मकसद है कि लोगों की समस्याओं का समाधान हो। हमलोग सभी लोगों के लिये काम कर रहे हैं।
समाधान यात्रा के दौरान हमने जीविका दीदियों के साथ बैठक कर उनके साथ संवाद किया है। हमने बिहार में स्वयं सहायता समूह की संख्या बढ़ाने का निश्चय किया। हमने स्वयं सहायता समूह को जीविका नाम दिया। पहले महिलायें ठीक ढंग से अपनी बातें नहीं रख पाती थीं। अब काफी अच्छे तरीके से अपनी बातें रख पा रही हैं और काफी अच्छी बातें बोल रहीं हैं। लड़कियों के शिक्षित होने से बिहार का प्रजनन दर घटा है।
पत्नी अगर पढ़ी-लिखी है तो प्रजनन दर कम होता है। पहले बिहार का प्रजनन दर 4.3 था, जो अब घटकर 2.9 हो गया है। बिहार का क्षेत्रफल कम है, जबकि आबादी काफी ज्यादा है।
वर्ष 2040 तक बिहार का प्रजनन दर स्थिर हो जायेगा, उसके बाद ये घटने लगेगा। अगर सभी लोग पढ़ेंगे नहीं तो प्रजनन दर नहीं घटेगा। नौकरी और रोजगार उपलब्ध कराने को लेकर सरकार गंभीरता से काम कर रही है। 10 लाख सरकारी सेवा और 10 लाख लोगों को रोजगार हमलोग उपलब्ध करायेंगे। जाति आधारित जनगणना को लेकर हमलोगों ने सभी दलों के प्रतिनिधिमण्डल के साथ प्रधानमंत्री से मुलाकात की थी। उन्होंने जब हमारी बात नहीं सुनी तो हमलोगों ने अपने स्तर से बिहार
में जाति आधारित गणना कराने का निर्णय लिया। जाति
आधारित गणना को लेकर मकानों की गिनती पूरी हो चुकी है। इससे जातियों की गणना के साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति का भी पता चलेगा। मई तक जाति आधारित गणना का काम पूरा हो जायेगा। बिहार का आर्थिक विकास दर 10.98 प्रतिशत
है, जबकि देश का 8.68 प्रतिशत है। बिहार की प्रति व्यक्ति
आय 64,383 रूपये है, जबकि देश का 1,50,000 रूपये है।
बिहार पिछड़ा राज्य है। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा
मिलना चाहिये। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से बिहार आगे
बढ़ेगा। विशेष राज्य का दर्जा मिलने से सरकारी योजनाओं में
90 प्रतिशत राशि केन्द्र सरकार के द्वारा दी जायेगी, जबकि
राज्य सरकार को अपने हिस्से से केवल 10 प्रतिशत राशि
लगानी होगी। हम चाहते हैं कि सभी पिछड़े राज्यों को केन्द्र
सरकार मदद करे। सभी राज्य आगे बढ़ेंगे तभी देश आगे
बढ़ेगा। शराबबंदी कानून का सभी दलों ने समर्थन किया था ।
सभी दलों के सदस्यों ने सदन में इसको लेकर शपथ ली थी।
100 प्रतिशत लोग ठीक नहीं हो सकते हैं। कुछ लोग गड़बड़
करने वाले होते हैं। गड़बड़ करने वालों पर कार्रवाई हो रही
है। वर्ष 2021 में भी जहरीली शराब से मौत होने पर हमलोगों
ने फिर से अभियान चलाया था। हमने लोगों को समझाया था
कि शराब बुरी चीज है, इसे मत पीजिये। वर्ष 2018 के सर्वे में
यह बात सामने आयी थी कि शराबबंदी के बाद एक करोड़ 64
लाख लोग शराब छोड़ चुके हैं। इस बार चाणक्य विधि
विश्वविद्यालय द्वारा सर्वे कराया गया है। अब बिहार में एक
करोड़ 82 लाख लोग शराब पीना छोड़ चुके हैं। 93 प्रतिशत
ग्रामीण और 92 प्रतिशत शहरी लोग शराबबंदी के पक्ष में हैं।
99 प्रतिशत महिलायें, जबकि 92 प्रतिशत पुरूष शराबबंदी के
पक्ष में हैं। केन्द्रीय रक्षा मंत्री ने गलवान के शहीद के पिता के
साथ दुर्व्यवहार को लेकर दूरभाष पर वार्ता की थी। हमने इस
घटना की जाँच के आदेश दिये हैं। हमने अधिकारियों को
ऐक्शन लेने का निर्देश दिया है। गरीब राज्य होते हुये भी
बिहार में अभी भी कोरोना की जाँच की जा रही है। बिहार में
15 करोड़ 72 लाख कोरोना का टीका लगाया जा चुका है।
टीकाकरण का काम अभी भी चल रहा है। कोरोना से मृत्यु
होने पर मृतकों के आश्रितों को बिहार सरकार की ओर से चार
लाख रूपये की सहायता दी जा रही है। केन्द्र सरकार द्वारा
50 हजार रूपये अलग से दिये जा रहे हैं। अब तक 13,106
मृतक के आश्रितों को सहायता राशि दी जा चुकी है। गरीब
राज्य होते हुये भी हमने हर घर बिजली पहुॅचा दी है। अब
स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाये जा रहे हैं। अब तक 12 लाख 50
हजार स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाये जा चुके हैं। वर्ष 2025 तक
बिहार के सभी घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लग जायेंगे 3 लाख
54 हजार किसानों को कृषि कार्य के लिये विद्युत कनेक्शन
दिया गया है। कृषि कार्य के लिये सरकार मात्र 70 पैसे प्रति
यूनिट की दर से बिजली शुल्क ले रही है, जबकि राज्य
सरकार 5 रूपये 55 पैसे प्रति यूनिट की दर से बिजली
खरीदती है। राज्य में सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जा रहा है।
गाँवों में सोलर स्ट्रीट लाईट लगाने का काम जारी है। गंगाजल
आपूर्ति योजना के अन्तर्गत गया, बोधगया और राजगीर में
गंगाजल पहुॅचा दिया गया है। नवादा में भी जल्द गंगाजल
पहुँच जायेगा गया, बोधगया और राजगीर में सबसे ज्यादा
पर्यटक आते हैं इसलिये वहॉ गंगाजल पहुॅचाया गया है। इस
योजना पर 4 हजार करोड़ रूपये से ज्यादा खर्च किये गये हैं।
झारखण्ड से अलग होने के बाद बिहार का हरित आवरण मात्र
9 प्रतिशत था, जो अब 15 प्रतिशत हो गया है। इसे 17
प्रतिशत तक ले जाना है। सड़क, पुल-पुलियों, भवन, स्कूल
आदि का मेंटनेंस भी विभाग द्वारा कराया जायेगा। इसको लेकर
इंजीनियर और स्टाफ की बहाली होगी। बिजली की दर सभी
राज्यों में एक समान होनी चाहिये। बिजली के क्षेत्र में वन
नेशन वन टैरिफ होना चाहिये। अभी हमारे जैसे अविकसित
राज्य में बिजली खरीदने में ज्यादा पैसा लगता है, जबकि कई
विकसित राज्यों में कम पैसा लगता है। बिजली का एक रेट
होने से सभी राज्यों को फायदा होगा। मीडिया वाले बेचारे क्या
कर सकते हैं। उन पर केन्द्र सरकार ने कब्जा कर लिया है।
कोई चाहकर भी बहुत कुछ नहीं दिखा सकते।

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