पटना: महात्मा गांधी की हत्या करने वाले नाथू राम गोडसे की महिमंडन करने वाली भाजपा पर जदयू के प्रदेश प्रवक्ता व पूर्व विधान पार्षद डॉ. रणबीर नंदन ने कहा है यह देश गांधी, नेहरु, पटेल, सुभाष और भगत सिंह का है। गोडसे और उनके अनुयायियों को भारत ने कभी स्वीकार नहीं किया है और कभी करेगी भी नहीं। उन्होंने कहा कि भारत की संस्कृति और इतिहास से छेड़छाड़ करने वाले पहले भी आए और मिट भी गए। जिसने भी भारतीय संस्कृति से खिलवाड़ की कोशिश की, वो तबाह हुआ है।
डॉ. नंदन ने कहा कि भाजपा के पास इस बार जनता की बदहाली के कारण गिनाने का बहाना है ही नहीं। 10 सालों की सत्ता में भाजपा के पास देश को विकास के मार्ग पर ले जाने का पर्याप्त मौका था। लेकिन व्यक्तिपूजा में भाजपा ने इस देश को नई मुसीबत में ला दिया है। आज पूरे देश में साम्प्रदायिक तनाव फैला हुआ है। रोजगार के मामले में युवाओं की बदहाली सरेआम हो चुकी है। वित्तीय हालात का खोखलापन जगजाहिर हो गया है। किसानों के पास तो कोई रास्ता ही नहीं बचा है।
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एक विभाग बताए, जिसमें उसने कोई इनिशिएटिव लेकर उसे मुकाम तक पहुंचाया है। कभी स्मार्ट सिटी की बात करते हैं तो कभी आदर्श गांव की। लेकिन इनमें होता कुछ नहीं। गंगा को साफ करते करते पूरे सिस्टम को गटर बना दिया और गंगा साफ नहीं हुई। विकास की योजनाओं की चर्चा कर देने भर से विकास नहीं होता, इसके लिए दृढ़ इच्छाशक्ति होनी चाहिए।
डॉ. नंदन ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने बिहार में जो काम किया है, उसका प्रचार करने के लिए उन्हें मीडिया पर अंकुश लगाने की जरुरत नहीं पड़ी। वे काम करते गए और पूरी दुनिया उन कार्यों की चर्चा करती गई। भाजपा घबराई इसलिए है क्योंकि वो जानती है कि बिहार से शुरू हुआ आंदोलन देश की राजनीति को बदल देता है। जेपी आंदोलन बड़ा उदाहरण है। वर्तमान सत्ता जिस तरह निरंकुश हो गई है, उसका नाश आवश्यक है। नीतीश कुमार जी ने त्याग कर विपक्ष को एक करने का अभियान शुरू किया है और वो अभियान हर हाल में सफल ही होगा। क
उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के आखिरी साल में भाजपा के नेता बौखला गए हैं। उनके पास 2024 में कोई एजेंडा नहीं है। दूसरी ओर विपक्ष की एकता को लेकर भी भाजपा हताश है। पटना में सभी दलों की बैठक हो रही है और उस बैठक के पहले ही भाजपा हथियार डालकर देश में मुद्दों को भटकाने के लिए एजेंडा चलाने की कोशिश कर रही है। लेकिन इस बार ये सब सफल नहीं होने वाला। भाजपा की हार निश्चित है। बस देखना ये है कि उसकी हार कितनी शर्मनाक होगी। हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक में तो यह दिख ही गया है। आम चुनाव से पहले मध्यप्रदेश से भी भाजपा बाहर होगी। इसके बाद महाराष्ट्र, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और गुजरात में भी भाजपा का कोई नामलेवा नहीं बचेगा।