पटना। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे और युवा कल्याण मंत्री उदयनिधि स्टालिन की ओर से सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से करने वाले बयान की घोर निंदा की है। श्री पांडेय ने कहा कि इस प्रकार का आपत्तिजनक बयान इंडिया गठबंधन की असली मानसिकता को दर्शाता है। ऐसा लगता है कि मुंबई में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में सनातन विरोधी योजनाओं की जमकर चर्चा हुई। सीएम एमके स्टालिन इंडिया गठबंधन के 13 सदस्यीय कॉर्डिनेशन कमिटि के प्रमुख सदस्य हंै।
जो विपक्षी दलों के लिए आगामी लोकसभा चुनाव की रणनीति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। ऐसे में उनके बेटे उदयनिधि का सनातन उन्मूलन सम्मेलन में दिया गया यह बयान कि सनातन धर्म का सिर्फ विरोध नहीं किया जाना चाहिए, बल्कि ‘सफाया’ किया जाना चाहिए। यह साबित करता है कि यह गठबंधन तुष्टिकरण की परकाष्ठा पर पहुंच चुका है।
श्री पांडेय ने कहा कि जिस प्रकार से यह बयान सामने आया है। वह हिंदू धर्मावलंबियों के मन में एक डर पैदा कर रहा है। यह गठबंधन देश में सनातन विरोधी लहर को सशक्त करेगी। देश की जनता यह देख रही है कि डीएमके जैसी पार्टियां न सिर्फ हिंदू विरोधी है, बल्कि वह हिंदी भाषा का भी विरोध करती रही है। इन पार्टियों को देश की एकता और सभ्यता से कोई मतलब नहीं है। कांग्रेस, राजद और जदयू के नेताओं की उनके बयान पर चुप्पी यह यह साबित करता है कि सनतान धर्म खत्म करने वाले लोगों को उनकी तरफ से खुली छूट मिली हुई है। यह लोग हमारे देश के इतिहास को मिटाकर उसे खंडित करने की योजना में लगे हुए हैं। देश की जनता सब देख रही है। आगामी लोकसभा चुनाव में यदि आदरणीय पीएम श्री नरेंद्र मोदी को पुनः सत्ता में नहीं लाया गया तो सनातन धर्म खतरे में आ जाएगा। सनातान विरोधी सियासी पार्टियों को जनता न सिर्फ करारा जवाब देगी, बल्कि पीएम मोदी को प्रचंड बहुमत से जीत दिलाकर सनातन धर्म के अपमान का बदला लेगी।