वडनगर स्टेशन पर चाय बेचने वाला ‘नरिया’ देश का प्रधानमंत्री बन दुनिया को मुरीद बनाया

आलेख

  • मुरली मनोहर श्रीवास्तव

17 सितंबर 1950 को गुजरात के वडनगर में नरिया का जन्म हुआ जो आगे चलकर देश का प्रधानमंत्री बना और पूरी दुनिया में अपने देश का परचम लहराया। प्रधानमंत्री के पिता दामोदर दास मूलचंद मोदी की वडनगर स्थित रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान थी। बचपन में हर कोई प्यार से उन्हें नरिया कहकर बुलाता था। इनके पिता दामोदर दास मूलचंद मोदी और मां का नाम हीराबेन है। प्रधानमंत्री मोदी पांच भाई-बहन हैं।

नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिनका जन्म आजादी के बाद हुआ था। 2001 में वे गुजरात के मुख्यमंत्री बने। 2014 में प्रधानमंत्री बने। 2019 में जब भाजपा फिर जीतकर आई और वे लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री बने।
 
इनकी शुरुआती पढ़ाई वडनगर के बीएन हाईस्कूल से हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 9वीं, 10वीं और 11वीं में संस्कृत पढ़ाने वाले शिक्षक प्रह्लाद पटेल ने एक इंटरव्यू में बताया, ‘मैं नरेंद्र को नरिया कहकर बुलाता था। वह क्लास में सच बोलने से कभी नहीं डरते थे। शरारती तो थे, लेकिन सभी शिक्षकों का सम्मान भी करते थे। मोदी बड़े होकर सेना में भर्ती होना चाहते थे। नरेंद्र मोदी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार वह बचपन में जामनगर स्थित सैनिक स्कूल में पढ़ाई करना चाहते थे, लेकिन पैसों के अभाव के चलते ऐसा नहीं हो सका। आठ साल की उम्र में ही मोदी राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ गए थे। बचपन में अभिनय का भी शौक रहा है। 2013 में मोदी पर लिखी गई किताब ‘द मैन ऑफ द मोमेंट : नरेंद्र मोदी’ के मुताबिक जब वह 13-14 साल के थे, तब उन्होंने स्कूल के लिए फंड जुटाने के लिए स्कूल के बाकी बच्चों के साथ एक नाटक में हिस्सा लिया था।

स्कूल की पढ़ाई खत्म होते ही मोदी संन्यासी बनने के लिए घर से भाग गए थे। इसके बाद वह पश्चिम बंगाल के रामकृष्ण आश्रम सहित देश के कई जगहों पर गए। हिमालच में कई दिन तक साधु संतों के साथ रहे। तब उन्हें संतों ने कहा कि राष्ट्र की सेवा बगैर संन्यास धारण किए भी की जा सकती है। इसके बाद वह वापस गुजरात पहुंचे और उन्होंने संन्यास धारण करने का फैसला त्याग दिया।  

बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी आरएसएस से जुड़ गए थे। मोदी संघ के कार्यक्रमों में प्रबंधन की जिम्मेदारी निभाते थे। आरएसएस नेताओं के ट्रेन और बस में रिजर्वेशन का जिम्मा उन्हीं के पास था। 1978 में वह संघ के पूर्ण प्रचारक बन गए थे।  नरेंद्र मोदी को पतंगबाजी करना काफी पसंद है। गुजरात में मुख्यमंत्री रहते हुए वह पतंगबाजी का बड़ा महोत्सव कराते थे। ये समय के बहुत पाबंद हैं। तय समय पर ही वह सारे काम करने की कोशिश करते हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था कि वह शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए नियमित योग करते हैं। इसके अलावा ध्यान भी नियमित करते हैं। 

1975 में जब आपातकाल की घोषणा हुई तो मोदी युवा अवस्था में थे। उस दौरान संघ के स्वयंसेवी के तौर पर उन्होंने इसका विरोध किया। इस दौरान पुलिस से बचने के लिए उन्होंने सरदार का रूप धारण कर लिया था। इसके जरिए ढाई साल तक वह पुलिस को छकाते रहे। संघ में प्रचारक के तौर पर नरेंद्र मोदी अपना काम खुद से ही करते थे। वह खुद से अपने लिए खाना बनाते थे। अहमदाबाद संघ कार्यालय में रहने के दौरान वह खुद और दूसरों के लिए रोज चाय बनाते थे। साफ-सफाई भी करते थे। इसके अलावा बुजुर्ग स्वयंसेवियों के कपड़े भी मोदी ही साफ करते थे। 

मोदी जब संघ में थे, तभी से कुर्ते की बांह को छोटी करवा लेते थे। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे कुर्ता ज्यादा गंदा नहीं होता था और आरामदायक भी रहता था। आज वही कुर्ता मोदी ब्रांड बन गया है। 2001 की बात है। गुजरात में तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल की सेहत खराब होने लगी थी। तब नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय संगठन मंत्री थे। तब प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी थे। ‘जब मोदी ने अटल जी से मुलाकात की तो उन्होंने मजाक में मोदी से कहा, ‘दिल्ली ने तुम्हें बहुत मोटा कर दिया है। तुम्हें गुजरात वापस जाना चाहिए।’ इसके बाद ही मोदी को गुजरात का मुख्यमंत्री बना दिया गया।
बताया जाता है कि तब आडवाणी मोदी के अनुभव को लेकर चिंतित थे। इसलिए उन्होंने पहले मोदी को उप-मुख्यमंत्री बनाने का प्रस्ताव रखा। इस पर मोदी ने आपत्ति जताई और एक सिरे से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर कमान देनी है तो पूरी तरह से दी जाए, नहीं तो किसी और को दे दें। हालांकि, बाद में सभी लोग मोदी की बात मान गए। प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास भले ही सात, लोक कल्याण मार्ग के नाम से जाना जाता है। हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच नंबर के बंगले में रहते हैं। इस परिसर में पांच नंबर के अलावा, 1, 3, 7 और 9 नंबर के बंगले भी हैं। इन बंगलों में दो बेडरूम, एक और रूम के अलावा एक डाइनिंग रूम और एक ड्रॉग रूम है। इस ड्रॉइंग रूम में एकसाथ 30 लोग बैठ सकते हैं। वर्तमान में बंगला नंबर 7 में प्रधानमंत्री का कार्यालय है। बंगला नंबर 9 में प्रधानमंत्री की सुरक्षा और बाकी प्रोटोकॉल की जिम्मेदारी संभाल रहे एसपीजी जवान रहते हैं। बंगला नंबर 3 प्रधानमंत्री के अतिथियों के लिए गेस्ट हाउस है तो वहीं, बंगला नंबर 1 पर प्रधानमंत्री के लिए हेलीपैड बना हुआ है। पीएम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की अध्यक्षता करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। भारत के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष के रूप में मोदी ने नौ अगस्त 2021 को पहली बार परिषद की बैठक की अध्यक्षता की थी। मोदी ने अमेरिकी कांग्रेस के संयुक्त सत्र को दो बार संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के बाद वह दूसरे अंतरराष्ट्रीय नेता हैं, जिन्हें एक से अधिक बार यह करने का मौका मिला। इसी साल जून में पीएम मोदी ने अमेरिकी संसद को संबोधित किया था।

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