महागठबंधन की संगति का असर मुख्यमंत्री की दुर्गति करा रहा है,विजय कुमार सिन्हा।

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नीतीश जी की बिगड़ी हुई भाषा और व्यवस्था से उनके व्यक्तित्व का हुआ पतन

सदन में महिलाओं को अपमानित कर और दलित के आवाज़ को दबाकर की गई लोकतंत्र की हत्या।

पटना, 10 नवंबर 2023

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने आज सदन की शीतकालीन सत्र के अंतिम दिन की कार्यवाही के पश्चात कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का महागठबंधन से दोस्ती करना उनको मानसिक रुप से बीमार कर रहा है।पहले से ही महागठबंधन के कई लोगों ने जिस तरह से सनातन विरोधी, समाज विरोधी मानसिकता का परिचय दिया है ऐसे में नीतीश जी पर इसका असर पड़ना तय ही था। लगभग 13 करोड़ की आबादी वाले प्रदेश के मुखिया का व्यवहार जब देश-विदेश के लोगों को भी शर्मिंदा करने लगे तो उस राज्य के भविष्य अंधकार के आगोश में जाना लाज़मी है। महागठबंधन की संगति ही मुख्यमंत्री की ऐसी दुर्गति का कारक है।

श्री सिन्हा ने कहा कि राजद के लोग जिस जंगलराज को जनताराज बताकर अपनी राजनीतिक रोटी सेंकने का काम कर रहे हैं उनको पता होना चाहिए कि बिहार पूर्ण रुप से गुंडाराज के गिरफ़्त में आ चुका है।और यहाँ काग़ज़ पर शासन, एसी में आसन और झूठा भाषण का दौर चल रहा है।

श्री सिन्हा ने कहा कि नीतीश कुमार जी की बिगड़ी हुई भाषा और व्यवस्था उनके व्यक्तित्व के पतन का कारण है। वे इतने असंवेदनशील कैसे हो सकते हैं।यह कहना ग़लत नहीं होगा कि महागठबंधन के सिरमौर माने जाने वाला व्यक्ति जिसकी आकांक्षा देश का प्रधानमंत्री बनना हो वो महज़ एक मुख्यमंत्री का पद भी ठीक से नहीं निभा पा रहे हैं।

श्री सिन्हा ने कहा कि जिस तरह से सदन में मुख्यमंत्री जी ने असंवैधानिक लहजे में महिलाओं के प्रति खुलकर आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग करते हुए उन्हें अपमानित करने का कार्य किया है उससे पूरा बिहार ही नहीं देश और दुनियाँ के लोग आहत हैं। जिस तरह से उनके द्वारा एक दलित पूर्व मुख्यमंत्री की आवाज़ के दबाया गया, उनके ख़िलाफ़ अपशब्द बोले गये उससे साबित होता है कि वो वास्तव में अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं।

श्री सिन्हा ने कहा कि सदन लोकतंत्र का मंदिर है और इसमें पवित्र संविधान की अवहेलना करना तथा उसको तार-तार करना लोकतंत्र की जननी बिहार के लिए गहरा कलंक साबित हुआ है।सदन में नेता प्रतिपक्ष को बोलने से रोकना तथा सत्ता पक्ष के प्रभाव में विधानसभा अध्यक्ष का एकतरफा व्यवहार सदन में उपस्थित विपक्षी दलों के सदस्यों को भी आहत करने वाला था।

श्री सिन्हा ने माँग की है कि सदन के दौरान मुख्यमंत्री जी के व्यवहारों व अमर्यादित शब्दों की गंभीरता से समीक्षा करते हुए उन्हें ख़ुद कुर्सी खाली कर देनी चाहिए।

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