पटना। पूर्व स्वास्थ्य मंत्री श्री मंगल पांडेय ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष श्री राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा महज एक छलावा है। यह सियासी यात्रा चुनावी साल में जनता के बीच अपनी छवि चमकाने की कोेशिश मात्र है। पांच वर्षों में कभी भी कांग्रेस ने एक सार्थक विपक्ष के तौर पर राजनीति नहीं की। कांग्रेस के युवराज इस यात्रा के जरिये अपनी मुहब्बत की दुकान का कैंपेन भी चला रहे हैं। मगर उनको ये बताना चाहिए कि देश का बहुसंख्यक वर्ग जब अयोध्या में हो रहे राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर उत्साहित है, तो कांग्रेस एवं राहुल का पूरा परिवार इस कार्यक्रम से दूर क्यों है?
श्री पांडेय ने कहा कि प्रमुख विपक्ष के तौर पर प्राण-प्रतिष्ठा में कांग्रेस की सहभागिता होनी चाहिए। श्री गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर घूम रहे हैं। मगर उनको ये बताना चाहिए कि आखिर हिंदुओं की आस्था व भावना से जुड़े राम मंदिर का विरोध क्यों? क्या श्री राहुल गांधी को देश की बड़ी आबादी जो बहुसंख्यक है, क्या उनकी भावनाओं का कोई कद्र नहीं करना चाहिए? कांग्रेस के युवराज के नेतृत्व में निकाली जा रही यात्रा 15 राज्यों के 110 जिलों से होकर गुजरेगी। मगर वे अयोध्या एवं सनातन धर्मावलंबियों की आस्थाओं के स्थान पर जाना उचित नहीं समझते। खासकर ऐसे मौके पर जब हिंदुओं की भावना से जुड़ा व्यापक कार्यक्रम हो रहा हो। देश में जनहित एवं आपसी सौहार्द्र की मिसाल पेश करने में कांग्रेस अक्सर क्यों पीछे रह जाती है। क्यों हिंदी भाषी प्रदेश उनके एजेंडे में नहीं आते हैं?
श्री पांडेय ने कहा कि आयोध्या में बन रहा राम मंदिर केवल भाजपा ही नहीं बल्कि देश की आस्था से जुड़ा है। ऐसे में कांग्रेस का खुलकर विरोध करना उनकी पार्टी के भीतर भी अंतर्कलह बढ़ा रहा है। महाराष्ट्र में कांग्रेस के बड़े नेता मिलिंद देवडा ने इस मुद्दे पर पार्टी छोड़ दी। वहीं मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों में कांग्रेस कार्यकर्ता व नेता आयोध्या मामले पर कांग्रेस की पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं। कांग्रेस केवल तुष्टिकरण की राजनीति करती है एवं उनका देश की बहुसंख्यक आबादी से कोई लेना-देना नहीं।