कोटाः दुनियाभर मे साहित्य और डिजिटल पहलों को समर्थन करने के संदर्भ मे डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव, संभागीय पुस्तकालय अध्यक्ष राजकीय सार्वजनिक मण्डल पुस्तकालय कोटा को “एस4बी इंटरनेशनल कनेक्टिंग लिटररी कम्युनिटीज डिजिटल इनिशिएटीव अवार्ड -2024' से वेश्विक ख्याति प्राप्त संस्था “समरस संस्थान साहित्य सृजन भारत द्वारा आयोजित “पुस्तक विमोचन एवं सम्मान समारोह मे मुख्य अतिथि श्री तरुण मेहरा उप वन संरक्षक वाईल्ड लाईफ कोटा , संस्थान के ट्रस्टी प्रकांड ज्योतिषाचार्य प. प्रेम शंकर व्यास ,' पंकज ' , संस्थापक और राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. मुकेश कुमार व्यास ' स्नेहिल , विशिष्ट अतिथि ईशवरदास पूरवार “निर्मोही” द्वारा संयुक्त रूप से माल्यार्पण कर शॉल ओढ़ा कर “एस4बी इंटरनेशनल कनेक्टिंग लिटरेरी कम्युनिटीज डिजिटल इनिशिएटीव अवार्ड -2024' प्रदान कर सम्मानित किया।
डॉ मुकेश व्यास स्नेहिल ने कहा की- डॉ श्रीवास्तव के की साहित्यिक संलग्नता और वैश्विक रूप से साहित्यकारो को जोड़ने के लिए उनके अथक प्रयासों के कारण ही उन्हे समरस संस्थान साहित्य सृजन भारत द्वारा सम्मानित किया जा रहा हे |
गौरतलब हे की डॉ श्रीवास्तव दक्षिण एशिया के सार्वजनिक पुस्तकालयाध्यक्षों को ऑनलाईन प्रशिक्षण देकर उनकी क्षमता संवर्धन का कार्य कर रहे हे | डॉ श्रीवास्तव के प्रयासो की वजह से आज दूरदराज़ के दूरस्थ क्षेत्रो मे निवास करने वाले साहित्य प्रेमियो को भी ऑनलाईन वेबीनार के माध्यम से एक मंच पर हाईब्रीड मोड पर लाने के प्रयास किए जा रहे हे | यह पूरस्कार डॉ दीपक के साहित्यिक समुदाय को डीजीटल पहल के माध्यम से जोड़ने में उत्कृष्ट योगदान देने के लिए प्रशंसा का प्रतीक है। डॉ. श्रीवास्तव के दृष्टिकोण ने सरकारी डिवीजनल पब्लिक लाइब्रेरी कोटा को ज्ञान और साहित्य आदान-प्रदान का केंद्र बना दिया है, जो डिजिटल युग में पाठकों की बदलती आवश्यकताओं का सामना करता है। पढ़ाई और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने के लिए प्रौद्योगिकी का सहारा लेने के लिए उनका समर्पण उन्हें वैश्विक प्रतिष्ठा और सराहना दिलाई है।
डॉ. दीपक कुमार श्रीवास्तव को “एस4बी इंटरनेशनल कनेक्टिंग लिटररी कम्युनिटीज डिजिटल इनिशिएटीव अवार्ड -2024' साहित्य संथाओ एवं साहित्यकारो को बढ़ावा देने और उत्कर्ष तक पहुंचाने के लिए उनके प्रेरणात्मक प्रयास पुस्तकालय कर्मचारियों और साहित्यिक प्रेमियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है, जो एक भविष्य की ओर पहुंचते हैं जहां प्रौद्योगिकी और साहित्य जीवन को समृद्ध बनाने और वैश्विक समझ को प्रोत्साहित करने के लिए एक समन्वित होते हैं।