जो कभी दो जून की रोटी के लिए तरसते थे, आज ‘ओल्ड चंपारण मीट’ हाउस के हैं मालिक बनकर कई परिवारों के हैं पालनहार
-मुरली मनोहर श्रीवास्तव जो जमीं पर होते हैं उनके नाम ही आसमां की बुलंदियों को छूते हैं, जिन्हें दो जून की रोटी के लाले पड़े थे आज हर रोज हजारों लोगों का पेट भरते हैं। ईमानदारी से की गई मेहनत ने बदलते वक्त के साथ खान पान के व्यवसाय में इतना बड़ कद दिया की […]
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