अलविदा पॉयलट बाबा, पाकिस्तान से जंग के जांबाज दशनाम जूना अखाड़े के थे महामंडलेश्वर

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सासाराम/पटना: श्रीपंच दशनाम जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर पायलट बाबा का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया है. वे भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद जूना अखाड़े में शामिल हुए थे, जहां उन्हें “पायलट बाबा” के नाम से पहचान मिली. उन्होंने पाकिस्तान के साथ हुए युद्ध में फाइटर पायलट के रूप में अपनी जांबाजी दिखाई थी. पायलट बाबा का अंतिम संस्कार हरिद्वार स्थित उनके आश्रम में किया जाएगा, जहां उन्हें समाधि दी जाएगी.
पायलट बाबा पिछले कुछ समय से वे बीमार चल रहे थे और दिल्ली के अपोलो अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. उनके निधन से संत समाज में शोक की लहर है.
सेना में विंग कमांडर थे पायलट बाबा
भारत के सबसे चर्चित संतों में से एक एक पायलट बाबा कभी सेना में विंग कमांडर थे और उनका असली नाम कपिल सिंह राजपूत है. कपिल सिंह राजपूत उर्फ पायलट बाबा का जन्म बिहार के सासाराम जिले में हुआ था. उन्होंने काशी विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की और सेना में भर्ती हो गये. सेना में रहते हुए कपिल सिंह राजपूत उर्फ पायलट बाबा 1961 में चीन, 1965 और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध में शामिल हुए और अपनी जांबाजी दिखाई. उनकी बहादुरी के लिए सम्मानित भी किया गया. लेकिन फिर एक विमान हादसे ने उनका पूराजीवन बदल दिया.
पायलट बाबा बताते हैं कि बात 1996 की है जब वह एक मिग फाइटर प्लेन उड़ा रहे थे. यह एक रूटिन उड़ान थी. वह पूर्वोत्तर भारत के आकाश में तभी उनके विमान में कुछ तकनीकी खराबी आ गई. उनका विमान का दुर्घटनाग्रस्त होना तय था, तभी उन्हें पीछे से अपने गुरु जी हरि बाबा की आवाज सुनाई दी. हरि बाबा उन्हें मार्गदर्शन करते रहे या यूं कहें की अपने गुरु जी की शक्तियों की वजह से वह सकुशल अपने विमान को जमीन पर उतारने में सफल हो सके. तभी से उन्होंने निर्णय लिया कि वह शांति और आध्यात्म का जीवन बिताएंगे.

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