डॉ. सुरेन्द्र सागर, आरा (बिहार)
भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी) ने मनोज कुमार दूबे को नया अध्यक्ष, मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी)और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है.मनोज कुमार दूबे 1993 बैच के भारतीय रेलवे लेखा सेवा (आइआरएएस) के अधिकारी हैं. केंद्र सरकार की अप्वाइंटमेंट कमिटी ऑफ द कैबिनेट ने रेल मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूर करते हुए मनोज कुमार दूबे को भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी) का
नया अध्यक्ष, मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी)और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) नियुक्त किया है.मनोज कुमार दूबे मूल रूप से बिहार के भोजपुर जिले के आरा सदर प्रखंड के सलेमपुर गांव के निवासी हैं और अवकाशप्राप्त पुलिस उपाधीक्षक श्री कृष्णचंद्र दूबे के ज्येष्ठ पुत्र हैं.उनका पूरा परिवार आरा शहर के एमपी बाग में अपने मकान में ही रहता है.भारत सरकार के रेल मंत्रालय से संबद्ध भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी) की नियुक्ति के बाद मनोज कुमार दूबे ने गुरुवार 10 अक्टूबर को पदभार ग्रहण कर लिया है.उनकी इस पद पर नियुक्ति से उनके गांव सलेमपुर सहित पूरे भोजपुर जिले और शाहाबाद जनपद में खुशी की लहर है. उन्हें बधाई देने वालों का ताँता लगा हुआ है. सोशल मिडिया और इंटरनेट पर लगातार उन्हें बधाई देने वालों की भीड़ उमड़ी हुई है.
मनोज कुमार दूबे की प्रारम्भिक शिक्षा आरा के जिला स्कूल से हुई. इंटर की पढ़ाई दिल्ली स्थित डिग्री कॉलेज से हुई.स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई उन्होंने हिन्दू कॉलेज दिल्ली से पूरी की.इसके बाद धनबाद के आईआईटी आइएसएम से एमबीए की डिग्री ली.वे लम्बे समय तक बिहार में ही रहे.उन्होंने पटना में सबसे पहले यूटीआई में नौकरी की.इस दौरान यूपीएससी में चयन होने के बाद उन्होंने आईआरएएस ज्वाइन किया और भारतीय रेल लेखा सेवा से भारतीय रेल में नए अध्याय की शुरुआत की. साल 1993 बैच के भारतीय रेलवे लेखा सेवा (आईआरएएस) के अधिकारी मनोज कुमार दुबे इससे पहले कंटेनर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (कॉनकॉर) के निदेशक (वित्त) और मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) के पद पर कार्य कर चुके हैं.
भारतीय रेलवे वित्त निगम (आईआरएफसी) के नए अध्यक्ष, मुख्य प्रबंध निदेशक (सीएमडी)और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) का पदभार सँभालने के बाद मनोज कुमार दूबे ने कहा कि ‘‘भारत महत्वपूर्ण आर्थिक प्रगति के शिखर पर है और देश के प्रतिष्ठित सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों में से एक का नेतृत्व करना एक गर्व की बात और जिम्मेदारी दोनों है. उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकसित भारत – 2047 रणनीति की मुख्यधारा में शामिल होना चाहते हैं.”
बता दें कि दो लाख करोड़ रुपये से अधिक के बाजार पूंजीकरण के साथ भारतीय रेलवे वित्त निगम
(आईआरएफसी) देश के शीर्ष सार्वजनिक उपक्रमों और कंपनियों में शुमार है. वर्ष 1986 में स्थापित आईआरएफसी भारतीय रेलवे की अतिरिक्त बजटीय संसाधनों (ईबीआर) की जरूरतों को पूरा करने के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों से धन जुटाती है.
आईआरएफ़सी का एकमात्र उद्देश्य भारतीय रेलवे के योजना परिव्यय को आंशिक रूप से वित्तपोषित करना है