-Shailenra Raju
डुमरांव (बक्सर): धरौली गांव निवासी और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में सहायक आयुक्त पद से इस्तीफा देकर सुप्रीम कोर्ट के वरीय अधिवक्ता बने राहुल कुमार सिंह को जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने डुमरांव विधानसभा क्षेत्र से एनडीए के उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतारा है। इस खबर से क्षेत्रवासियों में उत्साह और हर्ष का माहौल है।
जदयू ने 57 प्रत्याशियों की लिस्ट की जारी-

राहुल कुमार सिंह ने प्रशासनिक सेवा के उच्च पद पर रहते हुए कार्य अनुभव प्राप्त किया, फिर न्यायिक क्षेत्र में कदम रखते हुए सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में अपनी पहचान बनाई। अब उन्होंने अपने गृह क्षेत्र की सेवा का संकल्प लेते हुए राजनीति में कदम रखा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि राहुल कुमार सिंह का सामाजिक और प्रशासनिक अनुभव डुमरांव क्षेत्र के विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। युवाओं में विशेष उत्साह देखा जा रहा है, क्योंकि राहुल सिंह ने शिक्षा, रोजगार और स्वावलंबन को अपनी प्राथमिकता बताया है।

ग्रामवासियों ने जदयू के इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह क्षेत्र के लिए एक स्वर्णिम अवसर है। कई लोगों ने विश्वास जताया कि राहुल कुमार सिंह के नेतृत्व में डुमरांव एक नई दिशा की ओर अग्रसर होगा।
राहुल कुमार सिंह की उपलब्धियां-
दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास में स्नातक, लॉ करने वाले वाराणसी के सनबीम इंग्लिश स्कूल, वाराणसी से ह्यूमैनिटीज स्ट्रीम में टॉपर रहे हैं। सहायक कमांडेंट, सीएपीएफ, एसएसबी, एमएचए (कक्षा 1 समूह-ए राजपत्रित अधिकारी 2014 -2023 रहे। सहायक आयुक्त, एमसीडी, दिल्ली (प्रतिनियुक्ति के आधार पर 5 वर्ष) रहे। जबकि 2023 से सुप्रीम कोर्ट में राहुल कुमार सिंह अधिवक्ता हैं। कानून, प्रशासन और अर्ध-सैन्य सेवाओं में 9+ वर्षों के अनुभव के साथ लक्ष्य-उन्मुख और स्व-संचालित व्यक्ति। दिल्ली नगर निगम में सहायक आयुक्त के रूप में काम करते हुए, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी के कठिन समय के दौरान, शासन में उत्कृष्टता का सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड। दिल्ली को अतिक्रमण और भीड़भाड़ से मुक्त बनाने के विशिष्ट लक्ष्य के साथ गठित कई एसटीएफ के सक्रिय सदस्य के रूप में काम किया। कंपनी कमांडर के कर्तव्यों का निडरता से निर्वहन किया और बिहार (2015), असम (2016) और पश्चिम बंगाल (2016) में विधानसभा चुनाव कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं वर्ष 2020 में एक तरफ ‘कोविड योद्धा’ के रूप में और 2016 में असम के कोकराझार जिले के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में कई चौकियों के सुरक्षा प्रभारी के रूप में कठिन समय में राष्ट्र की सेवा कर चुके हैं। यूपीएससी द्वारा आयोजित सहायक कमांडेंट के लिए सीएपीएफ परीक्षा 2011 में ऑल इंडिया रैंक 84 हासिल किया।
इसके अलावे अंतर्राष्ट्रीय वाद-विवाद चैम्पियनशिप- 2004 में स्वर्ण पदक विजेता हुए। ‘निज़ामुद्दीन’ में ‘कोविड वॉरियर’ के रूप में काम कर सबके चहेता बने। 2020 में कोविड-19 महामारी के प्रकोप के दौरान दिल्ली में मरकज़ क्षेत्र में एमसीडी, दिल्ली में संपूर्ण मध्य क्षेत्र क्षेत्र के सहायक आयुक्त और स्वच्छता प्रभारी के रूप में कर्तव्यों का निर्वहन करते हुए। 2007 में “विश्व बैंक-आईएफसी प्रोजेक्ट” “ऑडिट ऑफ एजेंट्स इन दिल्ली” पर काम किया। असम के कोकराझार के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सहायक कमांडेंट के रूप में कर्तव्यों का निर्वहन किया गया।


