नई पीढ़ी और युवा नेतृत्व को लोकसभा चुनाव लड़ाने की रणनीति में जुटी भाजपा, पटना साहिब से ऋतुराज सिन्हा जनता की पहली पसंद

देश


डॉ. सुरेन्द्र सागर
आगामी लोकसभा चुनाव में नई पीढ़ी और नए नेतृत्व को चुनाव मैदान में उतार कर भाजपा युवा भारत-ऊर्जावान भारत के सपने को साकार करने में जुट गई है।यहीं वजह है कि सत्तर की उम्र पार कर रहे कई सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों का टिकट काट कर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व यूथ और नए नेतृत्व को वहां चुनाव मैदान में उतारने की रणनीति बनाने में जुट गया है।
बिहार में भी इसकी सुगबुगाहट तेज हो गई है।अश्विनी चौबे,राधा मोहन सिंह,छेदी पासवान,रमा देवी,आरके सिंह,जनार्दन सिंह सिग्रीवाल,रविशंकर प्रसाद और राजीव प्रताप सिंह रूढ़ी कुछ ऐसे नाम हैं जिनके टिकट काटने की चर्चाएं चौक चौराहों पर खूब हो रही है।ये चर्चाएं ऐसे ही नही हो रही।कहीं न कहीं से दिल्ली से उड़ती हुई खबर बिहार और यहां के चौक चौराहों तक पहुंच रही है।
कहा जा रहा है कि इनमें से कुछ सांसदों के क्षेत्र में खराब प्रदर्शन को लेकर टिकट कट सकता है तो कुछ सांसदों के लिए उम्र की सीमा कारण बन रही है।आरके सिंह के बारे में भाजपा नेतृत्व को पक्की सूचना यह है कि उन्होंने क्षेत्रीय विकास को लेकर कीर्तिमान स्थापित तो किया है लेकिन वे क्षेत्रीय लोगों के साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं को साथ लेकर नही चल सके।
अब आरके सिंह के भी विकल्प खड़े किए जा रहे हैं।आरा की पूर्व सांसद मीना सिंह के पुत्र विशाल सिंह और भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार पवन सिंह के नाम को आगे लाया जा रहा है।
इन सबके बीच बिहार के पटना साहिब लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की जगह चुनाव मैदान में उतारे जाने की जिनकी चर्चा है वह एक बड़ा नाम है।वह नाम है भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री ऋतुराज सिन्हा का।ऋतुराज सिन्हा भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक पूर्व राज्यसभा सांसद आरके सिन्हा के पुत्र हैं।ऋतुराज सिन्हा को भाजपा के संगठन को राष्ट्रीय स्तर पर धार देने और गांव गांव तक पार्टी को पहुंचाने का श्रेय है।उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के सामने आए कई चुनौतियों का समय रहते न सिर्फ सामना कर समस्याओं का समाधान किया बल्कि अपने युवा नेतृत्व का देश के विकास में लोहा भी मनवाया।चाहें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नोटबन्दी के निर्णय के बाद कम समय मे देश के एटीएम तक नए नोटों को पहुंचाकर लोगों की परेशानी का त्वरित समाधान हो या फिर वैश्विक महामारी कोरोना के दौरान देश वासियों की जिंदगी का सवाल हो तब एक साथ एक समय मे देश के कोने कोने में स्थित रेलवे स्टेशन,बस अड्डे,सार्वजनिक स्थल, बड़े बड़े मॉल और लोगों के घरों तक सेनेटाइजेशन का कार्य शुरू कराकर लाखों करोड़ों लोगों की जान बचाने में ऋतुराज सिन्हा ने अपनी भूमिका निभाई।जब लॉक डाउन लागू हुआ और ट्रेनें बन्द कर दी गई तब अपने दिल्ली,गुजरात,बंगाल,तमिलनाडु,कर्नाटक,महाराष्ट्र आदि राज्यों से अपने गांवों की तरफ भाग रहे मजदूरों और विद्यार्थियों को ऋतुराज सिन्हा ने आश्रय दिया और जब तक ट्रेनें शुरू नही हुई तब तक अपनी निजी सुरक्षा एजेंसी के देश भर के कार्यालयों को सुविधा केंद्र में बदल दिया।सुविधा केंद्रों में न सिर्फ रहने,खाने की निःशुल्क व्यवस्था की गई बल्कि उनके गांव में रह रहे परिजनों से संपर्क स्थापित कराने को ले हेल्प लाइन नम्बर भी जारी किया।
आज ऋतुराज सिन्हा नॉर्थ ईस्ट राज्यों के सह संयोजक के तौर पर भाजपा का परचम लहराने में दिन रात जुटे हुए हैं।उन्होंने पिछले राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा की तरफ से चुनाव प्रबंधन समिति में शामिल किये जाने के बाद श्रीमती द्रौपदी मुर्मू की राष्ट्रपति के चुनाव में शानदार जीत में बड़ी भूमिका निभाई।
भाजपा के भीतर एक ऐसे युवा चेहरा जो हंसते मुस्कुराते हमेशा लोगो के दिलों पर राज करता है उन्हें पार्टी का शीर्ष नेतृत्व भी अब लोकसभा के भीतर देखना चाहता है।यहीं कारण है कि पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र से ऋतुराज सिन्हा को चुनाव मैदान में उतारने को ले भाजपा गंभीर है।
ऋतुराज सिन्हा पटना साहिब लोकसभा सीट के लिए सबसे बेहतर और सभी वर्ग के लोगों में लोकप्रिय उम्मीदवार के तौर पर देखे जा रहे हैं।पार्टी के प्रति समर्पित ऋतुराज सिन्हा पीएम मोदी की जनकल्याणकारी योजनाओं को गांव गांव में बैठे जनमानस तक पहुंचाने में भी अपनी भूमिका निभा रहे हैं।

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