सिवानः दारौंदा के नितेश भारद्वाज को गूगल के गूगल न्यूज इनिश्यटिव के द्वारा हो रहे गूगल समिट के टॉक सीरीज में आमंत्रित किया गया है। 12 सितंबर को ऑनलाइन हो रहे इस कार्यक्रम में नितेश आखिरी वक्ता हैं। वे अपनी संस्था आदिवासी जनजागृति के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों को कैसे दूर कर रहे हैं? कैसे हायपर लोकल मीडिया के माध्यम से सामाजिक बदलाव ला रहे हैं। कैसे इस बदलाव के लिए मोबाइल फोन को एक टूल के तौर पर प्रयोग कर रहे हैं को लेकर गूगल के टॉक शो में अपने विचार रखेंगे। इस बातचीत की श्रृख्ला में अब तक दुनिया के पांच अलग अलग संस्थाओं के प्रमुख अपने अपने संस्थाओं के द्वारा लाये गये बदलाव पर विचार रख चुके हैं। जिनमें एडसन टैंडोक सह – प्राध्यापक नानयांग प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, ब्रिस कॉर्बेट, संस्थापक, स्क्विज़ किड्स, हेगर हेशम,परियोजना अधिकारी, खोजी पत्रकारिता के लिए अरब रिपोर्टर (एआरआईजे) और एंडिसिवे मे,पॉडकास्ट प्रोडक्शन के प्रमुख शामिल हैं। गूगल न्यूज के द्वारा अप्रैल से शुरू हुए इस सीरीज के माध्यम से ऐसे संगठनों को शामिल किया गया है जो सामाजिक बदलाव के लिए काम करते हैं। गूगल के इस कार्यक्रम का मकसद दुनिया के दूसरे संगठनों और व्यक्तियों को प्रेरित करना है। आदिवासी जनजागृति के माध्यम से नितेश महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले में पिछले 6 साल से काम कर रहे हैं। इनकी संस्था के नाम पर नंदूबार प्रशासन ने स्थानीय सड़क का नाम रखा है। नितेश के द्वारा किये गये कार्यों की वजह से टाइम्स नाऊ समेत दुनिया के कई क्रियेटिव संस्थाओं ने इनके उपर डॉक्यूमेंटरी फिल्म बनायी है। इन्हें कई राष्ट्रीय तथा अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार तथा सम्मान मिल चुका है। नितेश दारौंदा पिपरा के भूमि सुधार कार्यकर्ता और पूर्व शिक्षक वीरेंद्र ठाकुर के पोते है।