• बिहार में बैंक लूट की घटनाएं थमने का नहीं ले रही हैं नाम
• पटना के दुल्हिन बाजार में 21 लाख की हुई लूट
• अपराधियों का सॉफ्ट टार्गेट क्यों बनते जा रहे हैं बैंक
• आखिर अपराधियों को किसकी निशानदेही पर मिलती ह सफलता
• क्या बैंक की सुरक्षा को और करना होगा दुरुस्त ?
पटनाः बिहार इन दिनों बैंक रॉबरी को लेकर लगातार चर्चा में है। 2024 की बात करें तो एक के बाद बैंक लूट की घटनाएं लगातार हो रही है। आखिर बैंक अपराधियों के सॉफ्ट टारगेट में क्यों हैं? क्या सुरक्षा में कमी एक बड़ा कारण है? क्या यह बैंककर्मी की मिली भगत से होता है? क्या छोटे बड़े सभी बैंकों में टाइमर लॉक लगाना जरूरी है? ऐसे कई प्रश्न हैं जो आम जनता के बीच बैचैनिया पैदा करती हैं।
बैंक लूट की घटनाओं का बिहार में होना आम है। बैंक खुलने के महज कुछ घंटों में 05 अगस्त 2024 को पटना के दुल्हिन बाजार के कोरैया के पंजाब नैशनल बैंक की शाखा से 21 लाख लूटकर अपराधी फरार हो गए। पुलिस मामले की तहकीकात कर रही है। लेकिन सवाल ये उठता है कि आखिर बैंक लूट की घटनाओं में इतना इजाफा कैसे हो रहा है। आखिर इसको रोक पाने में प्रशासन क्यों हो रही है अक्षम।
बैंक लूट की घटनाओं की बात हम करें तो बिहार उसका सेफ जोन बनता जा रहा है। आईये इधर एक-दो माह में हुई अन्य बैंक लूट पर नजर डालते हैं। 03 जून 2024 को पटना के बिहटा मनेर रोड स्थित उत्कर्ष स्मॉल फाइनेंस बैंक में अपराधियों ने हथियार के बल पर दिनदहाड़े एक बड़ी लूट की घटना को अंजाम दिया था। हथियारबंद अपराधी बैंक में घुस आए और बैंक के सभी कर्मचारियों को बाथरूम में बंदकर जमकर लूटपाट की। अपराधियों ने हथियार के बल पर महज छह मिनट के अंदर पूरी वारदात को अंजाम दिया। 14 लाख कैश लेकर पांचों अपराधी वहां से हथियार लहराते हुए फरार हो गए।
1 जुलाई 2024 को बिहार के शेखपुरा जिले में दिनदहाड़े एक बड़ी लूट की घटना हुई। हथियारबंद अपराधियों ने एक्सिस बैंक की बरबीघा चौक शाखा से 50 लाख रुपये लूट लिए और फरार हो गए थे।
वीओःएफः बिहार सरकार सुशासन के लिए जानी जाती है। बावजूद इसके बैंक लूट की घटनाओं का लगातार घटना सरकार के सुशासन पर सवाल खड़ा कर रही है वहीं पुलिस और बैंककर्मियों पर भी एक प्रश्नचिन्ह खड़ा करती है। बहरहाल जरुरत है इसको संज्ञान लेकर इसमें सुधार करने की।